उत्तर – यह रोग मुख्य रूप से गाय, भैंस एवं भेडों में होता है। इस रोग में तेज बुखार आता है एवं घुटने के ऊपर वाले हिस्से में सूजन होती है एवं जो शुरू में गर्म एवं कष्टदायक हो जाती है सूजन के ऊपर वाली चमडी सूख कर कडी हो जाती है एवं दबाने पर चड़चड़ाती है। यह चड़चड़ाहट सूजन में गैस भरी होने के कारण होती है
उपचार: "( वह केंद्र द्वारा आयोजित गोष्ठी में पशुपालकों को पशुओं की बीमारी व उनसे बचाव के उपाय बता रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने कहा कि बुखार से ग्रसित पशुओं के खून के सैंपल प्रयोगशाला में जाच की जाती है तथा चीचड़ों को कंट्रोल करने के लिए ब्यूटोक्स दवा 2 मिलीलीटर एक लीटर पानी में मिलाकर बाडे़ में पशु के शरीर पर स्प्रे करे।
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