भैंस एक जुगाली करने वाला पशु है, जिसे हिन्दी में रोमंथक और अंग्रेजी में रुमिनेंट (Ruminant) कहा जाता है। भैंस मुख्य रूप से हरी घास व कुछ अन्य प्रकार की वनस्पतियां खाती है और इसकी भोजन व पाचन प्रणाली मानव शरीर से पूरी तरह से अलग होती है। भैंस पहले घास खाती है और नरम बनाने के लिए वापस मुंह में लाकर उसकी जुगाली करती है, ताकि उसे आसानी से पचाया जा सके। भैंस के पेट में अत्यधिक मात्रा में गैस बनती है, जिससे वह सामान्य रूप से जुगाली करते समय निकालती रहती है।
भैंस हर मिनट में कम से कम एक बार अपने मुंह से गैस निकाल देती हैं। हालांकि कुछ असामान्य स्थितियों के कारण भैंस बन रही इस गैस को निकाल नहीं पाती और उसका पेट फूलने लगता है। भैंस का पेट फूलना कुछ मामलों में एक हानिकारक स्थिति हो सकती है जिसका जितना जल्दी हो सके समाधान करना बहुत जरूरी होता है। इस लेख में भैंस के पेट फूलने की बीमारी, उसके कारणों व लक्षणों के साथ साथ भैंस के पेट फूलने की दवा आदि के बारे में भी बताया गया है।
भैंस का पेट फूलना क्या है - What is Bloating in Buffalo in Hindi
भैंस का पेट फूलना क्या है
सामान्य भाषा में जब भैंस के पेट में बनने वाली गैस बाहर नहीं निकल पाती तो उसका पेट फूलने लगता है। भैंस के शरीर में चार पेट होते हैं, जब व घास खाती है तो वह सबसे पहले रुमेन (Rumen) में जाता है और इस प्रक्रिया के दौरान रुमेन में गैस बनती है। यह गैस पाचन प्रक्रिया के दौरान सामान्य रूप से निकलती है और जब भैंस जुगाली करने के लिए घास को वापस मुंह में लेती है, तो इस दौरान यह गैस मुंह से होते हुऐ बाहर निकल जाती है।
कुछ स्थितियों के कारण भैंस बेल्चिंग (घास को पेट से वापस मुंह में लाने की प्रक्रिया) नहीं कर पाती हैं या फिर बेल्चिंग के दौरान सामान्य रूप से गैस को नहीं निकाल पाती हैं। इसके परिणामस्वरूप पेट में गैस जमा होने लगती है। इस स्थिति को भैंस का पेट फूलना या भैंस के पेट में गैस कहा जाता है।
भैंस का पेट फूलने के प्रकार - Types of Bloating in Buffalo in Hindi
भैंस का पेट फूलने के कितने प्रकार हैं?
भैंसों में होने वाली पेट फूलने की बीमारी के दो मुख्य प्रकार हैं:
- झागदार फुलाव (Frothy bloat):
यह भैंसों के पेट फूलने से संबंधी सबसे आम प्रकार है और अधिकतर पशुओं में यह समस्या होती है। इसके होने का खतरा मौसम के अनुसार भी कम ज्यादा होता है, विशेषज्ञों के अनुसार बसंत और पतझड़ ऋतू में झागदार फुलाव अधिक होता है।
- गैसीय फुलाव:
झागदार फुलाव के मुकाबले इसके मामले काफी कम देखे जाते हैं। यह आमतौर पर ग्रासनली में कोई बाहरी वस्तु फंस जाने के कारण होती है, जैसे भैंस द्वारा किसी कच्ची सब्जी (आलू आदि) को बिना चबाए खाया जाना। मुंह से पेट तक घास को पहुंचाने वाली नली को ग्रासनली कहा जाता है और जब इसमें कुछ फंस जाता है, तो भैंस डकार या बेल्चिंग नहीं कर पाती है जिस वजह से पेट के अंदर गैस जमा होने लगती है।
भैंस का पेट फूलने के लक्षण - Bloating In Buffalo Symptoms in Hindi
भैंस का पेट फूलने पर कैसे पता करें?
कुछ मामलों में ग्रासनली में रुकावट होने के कारण अचानक से पेट में गैस जमा होने लगती है और ऐसी स्थिति में लक्षणों का पता लगाने में ज्यादा समय नहीं लगता है। जबकि कुछ मामलों में भैंस के पेट में धीरे-धीरे गैस जमा होती है और इस स्थिति में निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
- घास खाना या चरना बंद कर देना
- भैंस सुस्त दिखाई देना या स्वेच्छा से चलना फिरना बंद कर देना
- भैंस का बाईं तरफ का पेट असामान्य रूप से फूल जाना
- सांस लेते समय मुंह से असामान्य रूप से आवाज निकलना
- आंखें बाहर की तरफ निकलना
- पेशाब या गोबर करने के लिए अधिक जोर लगाना
- तेजी से सांस लेना साथ ही कुछ मामलों में भैंस इस दौरान अपनी जीभ निकाल सकती है।
इसके अलावा हर भैंस के अनुसार अनुसार उसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ मामलों में भैंस द्वारा बार-बार अपने पेट पर लात मारना, बार-बार खुर जमीन पर मारना या फिर कुछ मामलों में जमीन पर लेट जाना और उठाने पर भी न उठना आदि लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
यदि आपको ऊपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहा है, तो जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए। क्योंकि यदि पेट के अंदर गैस गंभीर रूप से जमा हो गई है, तो इलाज के बिना कुछ ही मिनट में भैंस की मृत्यु हो सकती है।
भैंस का पेट फूलने का कारण - Bloating In Buffalo Causes in Hindi
भैंस का पेट क्यों फूलता है?
भैंस का पेट फूलने का मुख्य कारण होता है, जुगाली के दौरान उसके शरीर से गैस न निकल पाना और परिणामस्वरूप पेट में जमा होने लगना। रुमेन में मौजूद घास का पाचन करने के लिए किण्वन प्रक्रिया (एक प्रकार से सड़ने जैसी प्रक्रिया) शुरु हो जाती है, जिससे गैस बनती है। जब यह गैस मुंह से निकल न पाए, तो पेट (रुमेन) फूलने लगता है, गैस न निकलने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
- गले में कोई बाहरी वस्तु अटक जाना, जैसे कोई छोटी गेंद या अन्य वस्तु
- कोई ठोस सब्जी अटक जाना खासतौर पर जब किसी सब्जी को बिना चबाए निगल लिया जाता है
- खाए गए घास का गोला बन कर अटक जाना
इसके अलावा मिल्क फीवर व टेटनस जैसे अन्य कई रोग हो सकते हैं, जिनके कारण भैंस जुगाली करना बंद कर देती है और परिणामस्वरूप उनके पेट में गैस जमा होने लगती है।
कुछ विशेषज्ञों के अनुसार घास पर जमी ओस भी भैंसों के पेट में गैस बनने के जोखिम को बढ़ा सकती है। भैंस अधिक रसीले और फलियों वाले घास को चरना पसंद करती हैं और यह भी भैंस के रुमेन में गैस बनने का खतरा बढ़ा देता है।
अथवा:
कारण – गाय अथवा भैंस द्वारा अधिक मात्रा में बरसीम, लोबिया, लूसर्न, अनाज खाने से तथा बासी खाना खा लेने के कारण। लक्षण – गैस बनना तथा पेट फूलना। प्राथमिक उपचार – पशु को पानी बिल्कुल नहीं पिलाना चाहिए तथा उसको बैठने नहीं देना चाहिए।
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