आसान तरीकों से कर सकते हैं पशुओं का घरेलू उपचार
अगर अचानक आपके पशु की तबियत खराब हो जाती है, ऐसे में कुछ आसान तरीकों से घरेलु उपचार के जरिए पशुओं का इलाज कर सकते हैं।
कई बार पशुपालक अपने पशुओं के बीमार होने पर महंगा इलाज नहीं करा पाते हैं और गाँव के ही किसी प्राईवेट डॉक्टर से इलाज कराते हैं, जिन्हें सही जानकारी भी नहीं होती, इससे पशुपालकों को नुकसान भी उठाना पड़ जाता है।
जबकि पशुपालक कुछ बातों का ध्यान रखकर, घरेलु उपचार से पशुओं का इलाज कर सकते हैं। ऐसे में पशुपालकों को साधारण बीमारियों की इतनी जानकारी होनी चाहिए, जिसके आधार पर वे अपने पशु को घरेलु इलाज कर सकें। साथ ही कुछ देसी दवाइयां जिनकी गुणवत्ता वैज्ञानिक रूप से रखी जा चुकी हैं उनकी भी जानकारी पशुपालकों को होनी चाहिए। ऐसी ही कुछ बीमारियां और उनके उपचार के बारे में बताते हैं।
पशुओं को बुखार आने पर
बुखार से पीड़ित पशु को साफ व हवादार पशुगृह में रखना चाहिए और फर्श को सूखा रखना चाहिए।
पक्के फर्श पर पशु के नीचे भूसा या घास बिछा देनी चाहिए।
पशु को अधिक से अधिक ताजा पानी पीने को देना चाहिए।
मीठा सोडा (सोडियम बाइकार्बोनेट) 15 ग्राम, नौसादर 15 ग्राम, सैलीसिलिक एसिड 15 ग्राम, 500 मिली. पोटैशियम नाइट्रेट, 30 ग्राम चिरायता का महीन चूर्ण और गुड़ 100 ग्राम लगभग 200 ग्राम पानी में घोल कर गाय या भैंस को 8 से 10 घंटे के अंतर पर पिलाना चाहिए।
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