ताऊन या प्लेग (Plague) संसार की सबसे पुरानी महामारियों में है। इसे ताऊन, , पेस्ट आदि नाम भी दिए गए हैं। मुख्य रूप से यह कृतंक (rodent) प्राणियों (प्राय: चूहे) का रोग है, जो पास्चुरेला पेस्टिस नामक जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है। आदमी को यह रोग प्रत्यक्ष संसर्ग अथवा पिस्सू के दंश से लगता है।
प्लेग बीमारी का कारक क्या है?
प्लेग की बीमारी एक बैक्टीरिया से होती है. ये बैक्टीरिया कीड़ों–मकोड़ो से चूहों तक तब पहुंचता है, जब इसके शिकार लोगों के खांसने या चिल्लाने के दौरान बूंदें बाहर निकलती हैं. एक समय में इस महामारी ने भयंकर तबाही मचाई थी.
प्लेग का सबसे आम प्रकार क्या है?
न्युमोनिक प्लेग का संक्रमण श्वास से निकले जलकणों से लग जाता है और सबसे अधिक संक्रामक होता है। व्यापक अनुसंधान से यह ज्ञात हो चुका है कि लगभग 180 जाति के कृंतक, जिनमें मारमोट, गिलहरी, जरबीले, मूस, चूहे, आदि शामिल हैं, प्लेग से आक्रांत होते हैं और 1,400 में से 70 जातियों के पिस्सू प्लेग संवाहक होते हैं।
प्लेग रोग से कौन सा अंग प्रभावित होता है?
यह बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से फैलती है जो चूहे, खरगोश और गिलहरी जैसे संक्रमित कीड़ो पर भोजन के लिए निर्भर करता है. प्लेग के दो मुख्य रूप हैं- बुबोनिक और न्यूमोनिक (जब प्लेग तेजी से फेफड़े में फैलता है).
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